jana tha mujhey bahut aage

mera maahi jaake kyun nahi aaya

mera maahi jaake kyun nahi aaya

सफर में मुश्किलें आऐ, तो हिम्मत और बढ़ती है,
कोई अगर रास्ता रोके, तो जुर्रत और बढ़ती है,
अगर बिकने पे आ जाओ, तो घट जाते है दाम अक्सर
ना बिकने का इरादा हो तो, कीमत और बढ़ती है।

दरिया में अपनी कबर बनाने चला गया,
सूरज को डूबने से बचाने चला गया,
खुव्हाइश तो सबसे आगे निकलने की थी मगर,
जो गिर गऐ थे उनको उठाने चना गया,अपनो की चाहतो में मिलावट थी इस कदर,तंग आ के दुशमनो को मनाने चला गया.

चाहत

अपनी ही चाहत को हम अपना ना बना पाये
उनके खयालो की दुनिया में हम शामिल ना हो पाये
सिर्फ उनकी खोखली यादों में हमने ना जाने कितने दिये जलाये
फिर भी अफसोस अपनी मुहब्बत की दास्तान अपनो को सुना ना पाये
अब ना कोई उल्लास है ना कोई उमंग
सिर्फ और सिर्फ है तो अधूरी दास्तान के साथ जीने की एक जंग
लोग कहते हैं वो समझ नहीं सकते हमें
समझना उनकी फितरत में शामिल नहीं
छोड़ो समझने की बात
कभी समय मिले तो समझ के देखना की
जब दिल टूटता है तो आवाज़ नहीं आती
सिर्फ निकालते हैं आंख से आंसू
सारी दुनिया बहती हुई नज़र आती
और दुनिया के साथ तुम भी
रोकने की कोशिश करते
तुम्हें मगर रोक ना पाते
क्योंकि हम कभी खुद को
तुम्हारे ख्वाबों में ना पाते
बस ऐसे ही चलती है ज़िंदगी
बस ऐसे ही कट ता है जिंदगी का सफर
निकलती है दिल से आवाज़ “तुम ही थे,तुम ही हो, तुम ही रहोगे”
ना सही प्यार बनकर मगर एक कसक बनकर ज़रूर
अब चलते हैं दोस्त
चलना पड़ेगा ये खुदा ने कहा है
तुम भी चलोगे हम भी चलेंगे हमेशा अलग अलग
यही तो है आज का तजुर्बा और इस जिंदगी का रुत्बा
Roshan Raj

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छलक जाते है आंसू

छलक जाते है आंसू
मेरी आंखों से
जब देखता हूं तुमको
बंद आंखों से
दिल होता है बैचेन
जब सोचता हूं
तुम्हारे बारे में
काश!
न देखा होता तुमको
न जाना होता तुमको
न आते दिल के करीब
न होता प्यार तुमसे
न होते जुदा हम
तब होती
एक ही बात
तुम भी रहती खुश
हम भी न रोते
और
न छलकते आंसू
मेरी आंखों से
अब
आती हो तुम यादों में
और कर जाती हो
महफिल में तन्हा मुझे
और
छलक जाते है आंसू
मेरी आंखों से.

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क्या था मैं

बहुत बेबाक थे हम
हौंसले थे बुलंद
इरादे थे नेक
सोचा था बदल देंगे
हवाओं का रूख
यथार्थ के धरातल पर
जब रखे ठोस कदम
देख हवाओं का रूख
न जाने कब
पस्त हुए हौंसले
डगमगा गए कदम
और फिर
हवाओं के साथ
बहते-बहते
न जाने कहां
उड़ गए
मेरे इरादे, मेरे हौंसले
मुझे मालूम नहीं
क्या था मैं
क्या थे मेरे इरादे
सब कुछ भूल गया
अब तो बस
बह रहा हूं
हवाओं के सहारे
मंजिल की तलाश में
न जाने कहां ले जाएगी
मुझे ये हवाए
अब तो बस यूँ ही
बहे चले जा रहे हैं
हवाओ के सहारे.

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हमारा भविष्य

मैंने देखा है
रोते – बिलखते,
हँसते- मुस्कराते
बच्चोँ को फुटपाथ पर
सिमटे हुए माँ के आँचल में
सूनी निगाहों से ताकते हुए
न जाने,
क्या सोचते होगें वो
मैंने सुना है,
बच्चे होते है
हमारा भविष्य
कभी कभी सोच लेता हूँ कि
हम भी तो कभी थे बच्चे
तो क्या यही है
हमारा भविष्य
भय, बेरोजगारी, भष्टाचार का
कभी न ख़त्म होने वाला माहौल
लगता है डर
न जाए क्या होगा
इन बच्चोँ का, जो रोते है
हर अपनी बेबस माँ के आँचल में
मैंने देखा है
मासूम बच्चोँ को
रोते – बिलखते,
हँसते- मुस्कराते.

समझाना और समझना

कभी मैंने उसे न समझा
कभी उसने मुझे न जाना
और
हो गई गलत फहमियां
एक रास्ते के थे हमसफर हम
मंजिलें भी हो गई जुदा-जुदा
न मालूम मैंने क्या समझाया
न जाने उसने क्या समझा
समझने- समझाने के फेर में
समझ- समझ का फर्क आ गया
समझते – समझते आ गई
मुझ में समझ इतनी कि
जिसकी जितनी समझ
उतना ही होता है वह समझदार
इसलिए समझा गया हूं मैं
किसी को समझाने से अच्छा है
खुद ही समझो दुनिया को
क्योंकि खुद से अच्छा कोई नहीं
खुद अच्छे तो दुनिया अच्छी.
खुद बुरे तो दुनिया बुरी.

मैं रह गया अकेला

मैंने समझा जिसको अपना,
निकला वो बेगाना।
जिंदगी के सफर पर
अकेला ही चलना पड़ रहा है,
दिल में उसकी यादें लिए,
जिसको निभाना था साथ मेरा
हर बात का होती है एक वजह
बेवजह नहीं होती कोई बात
बस यही बात सोचता हूं जब
तब याद आती है पुरानी बातें
कभी अपने अहम के कारण
नहीं दिया था उसको मान
जरूरत थी जब उसको मेरी
प्रकृति का नियम है परिवर्तन
समय के साथ बदली परिस्थितियां
सोच बदली और इतनी बदली
कि वो भी बदल गया
उसको भी मिल गया सहारा
और फिर मैं रह गया अकेला
अब समझ में आता है
अब किसको दूं दोष
कभी मैंने न समझा उसको
और कभी उसने न समझा मुझे
बस अब यूं ही चला जा रहा हूं
तन्हा, अकेला, जिंदगी के रास्ते पर

तेरे प्यार का खौफ

मेरे दिलो-दिमाग पर
छाया है
तेरे प्यार का खौफ
अपनी भी थी
नीयत नेक और इरादे बुलंद
पर क्या करूं
समझ नहीं पाता हूं
गहरा गया है इस कदर
तेरे प्यार का खौफ
न दिन में चैन
न रात को आराम
भूल चुका हूं
अपना लक्ष्य और कर्म
अब याद आता नहीं
क्या कहा था मां ने
पिता को सहारा देने की
सोचते-सोचते
डूब गया
तेरे प्यार के गहरे सागर में
न समाज का डर
न अपनों की चिंता
जानता हूं कि
तुम ही कर सकते हो ऐसा
तुमने ही बांधा था
अपने मोहपाश में
मुझमें नहीं इतनी शक्ति
छुडा सकूं खुद को इस पाश से
अब तो बस एक ही ख्वाहिश
समा लो मुझे अपने में या
दे दो मुझे मुक्ति.

Agar_______

-> अगर कोई इन्सान बहुत हंसता है , तो अंदर से वो बहुत अकेला है ..
-> अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से वो बहुत उदास है ..
-> अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत दिखाता है और रोता नही , तो वो -अंदर से बहुत कमजोर है ..
-> अगर कोई जरा जरा सी बात पर रो देता है तो वो बहुत मासूम और नाजुक दिल का है ..
-> अगर कोई हर बात पर नाराज़ हो जाता है तो वो अंदर से बहुत अकेला और जिन्दगी में प्यार की कमी महसूस करता है ..
लोगों को समझने की कोशिश कीजिये ,जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती , लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए कितने खास हैं. अगर होते सभी अपने तो बेगाने कहाँ जाते…. ना मिलता ग़म तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते…..

स्त्रियाँ क्योँ लगाती हैँ माँग मेँ सिन्दूर इसका रहस्य जानकर दंग रह जाएंगे आप

सुहाग की निशानी और प्रतीक?
भारतीय वैदिक परंपरा खासतौर पर हिंदू समाज में शादी के बाद महिलाओं को मांग में सिंदूर भरना आवश्यक हो जाता है। आधुनिक दौर में अब सिंदूर की जगह कुंकु और अन्य चीजों ने ले ली है। सवाल यह उठता है कि आखिर सिंदूर ही क्यों लगाया जाता है।
प्रभावाशाली है सिन्दूर?
दरअसल इसके पीछे एक बड़ा वैज्ञानिक कारण है। यह मामला पूरी तरह स्वास्थ्य से जुड़ा है। सिर के उस स्थान पर जहां मांग भरी जाने की परंपरा है, मस्तिष्क की एक महत्वपूर्ण ग्रंथी होती है, जिसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं। यह अत्यंत संवेदनशील भी होती है।
लगाने का सही स्थान?
यह मांग के स्थान यानी कपाल के अंत से लेकर सिर के मध्य तक होती है। सिंदूर इसलिए लगाया जाता है क्योंकि इसमें पारा नाम की धातु होती है। पारा ब्रह्मरंध्र के लिए औषधि का काम करता है। महिलाओं को तनाव से दूर रखता है और मस्तिष्क हमेशा चैतन्य अवस्था में रखता है।
विवाह के बाद ज़िन्दगी है सिन्दूर ?
विवाह के बाद ही मांग इसलिए भरी जाती है क्योंकि विवाहके बाद जब गृहस्थी का दबाव महिला पर आता है तो उसे तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी बीमारिया आमतौर पर घेर लेती हैं।पारा एकमात्र ऐसी धातु है जो तरल रूप में रहती है। यह मष्तिष्क के लिए लाभकारी है, इस कारण सिंदूर मांग में भरा जाता है।
सिन्दूर = ज़िन्दगी
मांग में सिंन्दूर भरना औरतों के लिए सुहागिन होने की निशानी माना जाता है। विवाह के समय वर द्वारा वधू की मांग मे सिंदूर भरने के संस्कार को सुमंगली क्रिया कहते हैं।
भारतीय नारी
इसके बाद विवाहिता पति के जीवित रहने तक आजीवन अपनी मांग में सिन्दूर भरती है। हिंदू धर्म के अनुसार मांग में सिंदूर भरना सुहागिन होने का प्रतीक है। सिंदूर नारी श्रंगार का भी एक महत्तवपूर्ण अंग है। सिंदूर मंगल-सूचक भी होता है। शरीर विज्ञान में भी सिंदूर का महत्त्व बताया गया है।
सिन्दूर के साइंटिफिक फायदे
सिंदूर में पारा जैसी धातु अधिक होनेके कारण चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पडती। साथ ही इससे स्त्री के शरीर में स्थित विद्युतीय उत्तेजना नियंत्रित होती है। मांग में जहां सिंदूर भरा जाता है, वह स्थान ब्रारंध्र और अध्मि नामक मर्म के ठीक ऊपर होता है। सिंदूर मर्म स्थान को बाहरी बुरे प्रभावों से भी बचाता है। सामुद्रिक शास्त्र में अभागिनी स्त्री के दोष निवारण के लिए मांग में सिंदूर भरने की सलाह दी गई है।
सेहत के लिए उपयोगी
साथ ही इससे स्त्री के शरीर में स्थित विद्युतीय उत्तेजना नियंत्रित होती है। मांग में जहां सिंदूर भरा जाता है, वह स्थान ब्रारंध्र और अध्मि नामक मर्म के ठीकऊपर होता है। सिंदूर मर्म स्थान को बाहरी बुरे प्रभावों से भी बचाता है। सामुद्रिक शास्त्र में अभागिनी स्त्री के दोष निवारण के लिए मांग में सिंदूर भरने की सलाह दी गई है।

मनुष्य की कीमत

एक बार लोहे की दुकान में अपने
पिता के साथ काम कर रहे एक बालक ने अचानक
ही अपने पिता से पुछा – “पिताजी इस
दुनिया में मनुष्य की क्या कीमत
होती है ?”
पिताजी एक छोटे से बच्चे से ऐसा गंभीर
सवाल सुन कर हैरान रह गये.
फिर वे बोले “बेटे एक मनुष्य की कीमत
आंकना बहुत मुश्किल है, वो तो अनमोल है.”
बालक – क्या सभी उतना ही
कीमती और महत्त्वपूर्ण हैं ?
पिताजी – हाँ बेटे.
बालक कुछ समझा नही उसने फिर
सवाल किया – तो फिर इस दुनिया मे कोई गरीब तो कोई
अमीर क्यो है?
किसी की कम रिस्पेक्ट
तो कीसी की ज्यादा क्यो
होती है?
सवाल सुनकर पिताजी कुछ देर तक शांत रहे और
फिर
बालक से स्टोर रूम में पड़ा एक लोहे का रॉड लाने को कहा.
रॉड लाते ही पिताजी ने पुछा –
इसकी क्या कीमत होगी?
बालक – 200 रूपये.
पिताजी – अगर मै इसके बहुत से छोटे-छटे
कील बना दू
तो इसकी क्या कीमत
हो जायेगी ?
बालक कुछ देर सोच कर बोला – तब तो ये और
महंगा बिकेगा लगभग 1000 रूपये का .
पिताजी – अगर मै इस लोहे से घड़ी के
बहुत सारे स्प्रिंग बना दूँ तो?
बालक कुछ देर गणना करता रहा और फिर एकदम से उत्साहित
होकर बोला ” तब तो इसकी कीमत
बहुत
ज्यादा हो जायेगी.”
फिर पिताजी उसे समझाते हुए बोले –
“ठीक इसी तरह मनुष्य
की कीमत इसमे नही है
की अभी वो क्या है,
बल्की इसमे है कि वो अपने आप
को क्या बना सकता है.”
बालक अपने पिता की बात समझ चुका था .
दोस्तो अक्सर हम
अपनी सही कीमत आंकने
मे गलती कर देते है. हम
अपनी ताजी हालत को देख कर अपने
आप को बेकार समझने लगते है. लेकिन हममें हमेशा अथाह
शक्ति होती है. हमारा जीवन
हमेशा सम्भावनाओ से भरा होता है.
हमारी जीवन मे कई बार
स्थितियाँ अच्छी नही होती
है पर इससे हमारी कीमत कम
नही होती है. मनुष्य के रूप में
हमारा जन्म इस दुनिया मे हुआ है इसका मतलब है हम
बहुत खास हैं . हमें हमेशा अपने आप में सुधार करते
रहना चाहिये और
अपनी सही कीमत प्राप्त
करने की दिशा में बढ़ते रहना चाहिये.

I m alone

बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर… क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है.. मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा, चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना ।। चाहता तो हु की ये दुनिया बदल दू पर दो वक़्त की रोटी के जुगाड़ में फुर्सत नहीं मिलती दोस्तों महँगी से महँगी घड़ी पहन कर देख ली, वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से कभी ना चला …! युं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे .. पता नही था की, ‘किमत चेहरों की होती है!!’ अगर खुदा नहीं हे तो उसका ज़िक्र क्यों ?? और अगर खुदा हे तो फिर फिक्र क्यों ??? “दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं, एक उसका ‘अहम’ और दूसरा उसका ‘वहम’…… ” पैसे से सुख कभी खरीदा नहीं जाता और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता।” मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं, पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते। माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती… यहाँ आदमी आदमी से जलता है…!!” दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट, ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं, पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा कि जीवन में मंगल है या नही ज़िन्दगी में ना ज़ाने कौनसी बात “आख़री” होगी, ना ज़ाने कौनसी रात “आख़री” होगी । मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से, ना जाने कौनसी “मुलाक़ात” आख़री होगी ….।।।। अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो तरीके बदलो,….ईरादे नही… ग़ालिब ने खूब कहा है : ऐ चाँद तू किस मजहब का है !! ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा!!

Tujhey Chahna meri bhul thi

Mujhe Maaf Kar Mere Hamsafar

Tujhe Chahna Meri Bhool Thi

Kisi Raah Par Jo Uthi Nazar

… Tujhe Dekhna Meri Bhool Thi

Koi

Nazam Ho

Koi

Ghazal Ho

Kahin

Raat Ho

Kahin

Seher Ho

Woh

Gali Gali

Woh Sheher Sheher

Tujhe Dhoondna Meri Bhool Thi

There Gham Ki Koi Dava Nahi

Mujhe Tujhse Koi Gila Nahi

Mera Koi Tere Siva Nahi

Yehi Sochna Meri Bhool Thi

“Mujhe Maaf Kar Mere Hamsafar

Tujhe Chahna Meri Bhool Thi….

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आपकी कीमत Your Value

आपकी कीमत Your Value
सिक्के हमेशा आवाज करते हैं मगर नोट हमेशा खामोश रहते हैं। इसलिए, जब आपकी कीमत बढ़े तो शांत रहिये। अपनी हैसियत का शोर मचाने का जिम्मा आपसे कम कीमत वालों के लिए है।
पैसा आपका दास है अगर आप उसका उपयोग जानते हैं, वह आपका स्वामी है अगर आप उसका उपयोग नहीं जानते है।

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सफलता

एकाग्र रहने वाला सदा सफलता का वरण करता है।- अत्रि मुनि
Concentration always wins success.- Sage Atri
Failure is an event never a person.
कोई भी काम एक दिन में नहीं सफल होता। काम एक पेड़ की तरह होता है। पहले उसकी आत्मा में एक बीज बोया जाता है, हिम्मत की खाद से उसे पोषित किया जाता है और मेहनत के पानी से उसे सींचा जाता है, तब जाकर सालों बाद वह फल देने के लायक होता है।-स्टीवन स्पीलबर्ग
सफलता के लिए इन्तजार करना आना चाहिए। पौधे से फल की इच्छा रखना मूर्खता से अधिक कुछ भी नही है।-स्टीवन स्पीलबर्ग
असफलता सफलता प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अपने मस्तिष्क को अपना रास्ता स्वयं खोजने की शक्ति दीजिये।
मेहनत कीजिये लेकिन बिना योजना के नहीं। एक-एक कदम उठाइए। जब एक कदम उठा चुके हों तबतैयारी करें।
आकांक्षा क्षणिक नहीं होती, न ही उन्मादी होती है।
आवेग कहता है,- रुकोमत, चलते रहो। ढ्लो मत, निखरते रहो।
हर सुबह मैं अपनी आँखे खोलता हूँ उस भविष्य को सँवारने के लिए जो मेरे लिए खास है। हर रात मैं अपनी आँखे बंद कर लेता हूँ और देखता हूँ कि मेरा लक्ष्य थोड़ा और मेरे पास है।
प्रयासरत रहिये – keep jumping
सुख संजोइए – harbour happiness
सफल लोग अपने मस्तिष्क को इस तरह का बना लेते हैं कि उन्हें हर चीज सकारात्मक व खूबसूरत लगती है।
असल में सफल लोग अपने निरंतर विश्वास से जीतते हैं लेकिन वे असफलताओं का मुकाबला भी उसी विश्वास से करते हैं।
सफलता के लिए विश्वास पैदा कीजिये। असफल होने पर भी उस विश्वास को कायम रखिये।
सफलता सार्वजनिक उत्सव है, जबकि असफलता व्यक्तिगत शोक।
-थामस जेफरसन
सफल व्यक्ति सकारात्मक ढंग से प्रशंसा करते हैं और हँसी मजाक पर बुरा नहीं मानते। वे उत्साह फैलाते हैं। उनकी सकारात्मकता चारो तरफ़ फैलती है और उसकी खुशबु हर जगह बिखरती रहती है।
सफल लोग सबकी परवाह करते हैं। उनका यह लिहाज भी उन्हें दूसरों से अलग बनाता है।
प्रयासों को प्रोत्साहित कीजिये।
तुम मुझे प्रोत्साहित करो, में तुम्हें कभी नहीं भूलूंगा। – विलियम आर्थर बार्ड
अपनी सृजनात्मकता को तराशते रहिये।
Hone your creativity.
बदलती मनः स्थिति ही एक स्वस्थ व रचनाशील व्यक्तित्त्व की निशानी है।
नकल नहीं, सृजन करिए।
Never immitate, always create.
प्रयास करें अपने मन के छिद्रों को पहचान कर उन्हें भरने का.
सोचें और लिखें :
मेरीविशेषताएँ
बदलाव की आवश्यकता
मैं कैसे बदलाव करना चाहता हूँ।
हम जो भी हैं, जो कुछ भी करते हैं, वह तभी होता है जब हम उसे वास्तव में करना चाहते हैं। -पाओले कोएले
जहाज समंदर के किनारे सर्वाधिक सुरक्षित रहता है। मगर क्या आप नहीं जानते कि उसे किनारे के लिए नहीं, बल्कि समंदर के बीच में जाने के लिए बनाया गया है ?
A successful person is one who lays a firm foundation with the bricks that others throw at him/her.-David Brinkley
हमारी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने जीवन का प्रतिक्षन, प्रतिघंटा और प्रतिदिन कैसे बिताते हैं.
जिसने अपने को वश में कर लिया है, उसकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते.

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क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई

मां क्यों तू मुझसे रूठ गई
क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई
क्यों तेरी ममता पे मेरा अधिकार नहीं
क्यों बेटों के जितना मुझपे तेरा प्यार नहीं
पराई नहीं मैं अपना के देखो मां
अंश हूं तुम्हारा गले लगा के देखो मां
कैसे समझ लिया तूने तेरी किस्मत फूट गई
क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई।
नैन है बेटा तो बेटी है दृष्टि
निर्माण है बेटा तो बेटी है सृष्टि
बेटी बिन कैसे बहू तुम लाओगी
कैसे बोलो फिर वंश तुम चलाओगी
क्यों बेटी की ममता-बेल तेरे हृदय में सूख गई
क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई।
बेटा है भाग्य तो बेटी विधाता
बेटा है उत्पत्ति तो बेटी है माता
बेटा है गीत तो बेटी संगीत
बल है बेटा तो बेटी है जीत
बेटी के प्रेम की नैया क्यों भेदभाव में डूब गई
क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई।
शब्द है बेटा तो बेटी है अर्थ
जाति है बेटा तो बेटी है धर्म
दीपक है बेटा तो बेटी है ज्योति
हीरा है बेटा तो बेटी है मोती
आज संभलने से पहले मां तेरी बेटी टूट गई
क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई।

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आई एम सॉरी….

कहते हैं कि किसी को माफ कर देना सजा देने से ज्यादा बड़ी बात होती है। सजा जहां रिश्ते में दरार लाती है तो माफी से बिगड़े रिश्ते भी बन जाते हैं। पति-पत्नी हो या प्रेमी-प्रेमिका दिल की गहराइयों से प्यार करते हैं तो ‘माफी मांगना और माफ कर देना’ दोनों के लिए बस यही एक मंत्र है। थोड़ा सा दिल को बड़ा कीजिए
आपकी भावनाओं को आपके प्रेमी या पति ने ठेस पहुंचाई या आपका कोई बहुत बड़ा नुकसान किया तो सच में उसे माफ कर देना बहुत बड़ी बात होती है। माफ कर देना हर किसी के बस की बात नहीं होती। बहुत बड़ा दिल होना चाहिए। पति-पत्नी का रिश्ता बड़ा दिलचस्प होता है। जिससे आपका झगड़ा है उसी के साथ आपको रहना भी है। अत: दिल को बड़ा कीजिए। एकदूजे को सबक सीखाने की कसम खाने के बजाय प्यार से रहने का मंत्र जपिए। आपकी गलती हो या ना हो बस कान में बोल दीजिए-सॉरी।
थोड़ा मुश्किल है पर यह अचूक मंत्र है।कल कर लेना झगड़ा
छोटी-छोटी बातों पर पति-पत्नी में बातचीत बंद हो जाया करती है। इन सबसे क्या मिलता है, कुछ नहीं। जब पता है कि हमें जीवन भर साथ रहना है तो थोड़ी देर के अबोले के बाद आप ही पहल कर दीजिए। यकीन मानिए रूठे साथी को मनाने का मजा ही कुछ और है। थोड़ा चैलेंजिंग है पर दिल से मनाएंगे तो दोनों को अच्छा लगेगा। बातचीत शुरू करें और धीरे से बोल दीजिए-सॉरी यार, कल कर लेना झगड़ा।जाओ यार, माफ किया
जिस प्रकार किसी के मन बात पूरी कर देने से उसे खुशी मिलती है उसी प्रकार यदि आपके पार्टनर से कोई गलती हुई और दिल से उसे पछतावा है तो उसे माफ कर देने से भी हम उसे उतनी ही खुशी दे सकते हैं। चाहे वह जुबान से ना कहे पर वह आपके काम सहजता से कर रहा है, आपके प्रति उसका एटीट्यूड सकारात्मक है मतलब उसे समझौता चाहिए। जब दिल से साथी फील कर रहा है कि उसकी गलती है तो उसे सॉरी बोलने के लिए बाध्य मत कीजिए ना ही इंतजार। बल्कि अपने ईगो को थोड़ा सा ताक पर रखकर बोल दो- जाओ यार, माफ किया। तुम भी क्या याद रखोगे।अक्सर माफ कर देने या माफी मांग लेने से कोई भी बात आगे बढ़ने से बच जाती है। सुखी दांपत्य का आधार यही है कि जब एक पार्टनर गुस्सा हो तब तमाम ‘तो-लेकिन-किंतु-परंतु-हमेशा’ और सफाई को परे रख कर बस सिर्फ यही कहें-आई एम सॉरी, मेरी गलती है।
इससे उस वक्त पार्टनर कूल होगा साथ ही कहीं ना कहीं उसके मन में यह बात भी रहेगी कि उसका साथी समझदार है झगड़े बढ़ाने के बजाय उसे खत्म करने को तरजीह देता है। यही बात प्यार के बंधन को मजबूत बनाती है।

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Love is a phenomena that have to feel

रिश्तों की कोई निर्धारित परिभाषा नहीं होती। कोशिश भी की जाए तो शायद कोई ऐसी परिभाषा नहीं ग़ढ़ी जा सकती जो रिश्तों को गहराई से परिभाषित कर सके। आशय यह नहीं कि रिश्ता कोई उलझी हुई इबारत है जिसे समझाया नहीं जा सकता, बल्कि असलियत यह है कि ‘रिश्ता’ जीवन की सफलता का एक बड़ा मानक है, जिसे कुछ शब्दों में अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता।
कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो पूरा जीवन बदलकर रख देते हैं, पर कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिनके जुड़ने का अफसोस जीवन भर होता है और इस तरह के रिश्ते की कसक जीवनभर सालती रहती है।
सामाजिक जीवन में सामान्यतः रिश्तों को दो भागों में विभाजित किया जाता है। एक रिश्ता वह जो खून से बंधा होता है, दूसरा रिश्ता जो हम स्वयं गढ़ते हैं। भारतीय परिवेश में खून के रिश्तों को सबसे ज्यादा अहमियत दी जाती है और माना जाता है कि खून का रिश्ता ही सही मायने में जीवन का जुड़ाव होता है, और इससे बढ़कर रिश्ता होता है वैवाहिक संबंधों का।
इससे इतर जो रिश्ते होते हैं वे न तो खून से बंधे होते हैं और न उनमें सामाजिक दायित्वों का ही कोई बंधन होता है। दरअसल सही रिश्ते वे ही होते हैं, जो सारे बंधनों से मुक्त होकर सिर्फ दिल से बंधे होते हैं। इस बात से कई लोगों को एतराज भी हो सकता है, पर सच यही है कि खून के रिश्ते तो इत्तफाक से बनते हैं।
रिश्तों की कोई निर्धारित परिभाषा नहीं होती। कोशिश भी की जाए तो शायद कोई ऐसी परिभाषा नहीं ग़ढ़ी जा सकती जो रिश्तों को गहराई से परिभाषित कर सके। आशय यह नहीं कि रिश्ता कोई उलझी हुई इबारत है जिसे समझाया नहीं जा सकता, बल्कि असलियत यह है कि ‘रिश्ता’ जीवन।
एक परिवार के सदस्यों का आपस में रिश्ता सिर्फ इसलिए होता है कि उन्हें इत्तफाक ने मिलाया होता है। कुछ हद तक यही बात सामाजिक परिवेश में तय होने वाले वैवाहिक संबंधों पर भी लागू होती है। सिर्फ एक नजर में एक-दूसरे को देखकर वैवाहिक संबंधों की स्वीकृति दे देना और फिर जीवनभर उस रिश्ते को निभाना वास्तव में रिश्तों में बंधना नहीं बल्कि समझौता है।
असल रिश्ता तो वह है, जो हम अपनी पूरी समझ-बूझ और परख के साथ तथा अपनी पसंद से बनाते हैं। फिर चाहे वह रिश्ता दो दोस्तों के बीच का हो या फिर प्रेमियों का या फिर पड़ोसियों के बीच का पारिवारिक-सा रिश्ता ही क्यों न हो। सभी में यह बात ‘कॉमन’ है। कोई भी रिश्ता इत्तफाक या सामाजिक दबाव में नहीं बना।
अपने पूरे जीवन में हम कई लोगों से मिलते हैं। कुछ हमें अच्छे लगते हैं तो कुछ को हम पहली नजर में खारिज कर देते हैं। संपर्क में आने वाले कुछ लोगों से बार-बार मिलने और बात करने की इच्छा होती है और यही आकर्षण दोस्ती या प्रेम की मजबूत गाँठ बन जाता है। ठीक यही बात समीप रहने वाले दो परिवारों के बीच भी होती है। बहुत सारे लोगों के बीच रहकर भी ऐसे लोग उंगलियों पर गिनने लायक ही होते हैं, जिन्हें हम अपने बहुत नजदीक मानते हैं।
उन्हें अपने दिल की बात बताने का भी मन करता है और उनके दिल की बात सुनने की भी इच्छा होती है। अक्सर देखा जाता है कि स्कूल, कॉलेज या दफ्तरों में कई जोड़ी दोस्त होते हैं। सभी एक साथ रोज मिलते तो जरूर हैं पर सभी को जब भी बातचीत का अवसर मिलता है, वे गुटों में बंट जाते हैं। इसका सीधा-सा अर्थ यही है कि जो जिसके साथ निकटता महसूस करता है, वह उसी के साथ समय भी गुजारना चाहता है।
रिश्तों को जीवन की सफलता और असफलता के मामले में भी एक बड़ा मानक माना गया है। कब, कौन-सा रिश्ता या कौन-सी दोस्ती व्यक्ति को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचा दे, कहा नहीं जा सकता लेकिन यदि परिस्थितियां अनुकूल न हों तो इसका उलट भी हो सकता है। ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है, जब किसी साथी की मदद से व्यक्ति शिखर पर पहुंच गया, पर सारा दारोमदार इस बात पर निर्भर है कि आप अपने रिश्ते के प्रति कितने गंभीर हैं।

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कैसे भूलें प्यार के गम

हेलो दोस्तो! हम चाहे जितना भी फूंक-फूंककर कदम रखें पर कई बार परिस्थितियाँ हमारी आशाओं के बिल्कुल विपरीत ही बनती हैं। लाख चाह कर भी हम उन हालात में खुद को एडजस्ट नहीं कर पाते हैं।
कभी सालों से चल रहा प्रेम टूट जाता है तो कभी किसी मजबूरीवश एक-दूसरे से दूर जाना पड़ता है। कभी आपस की गलतफहमियाँ इतनी गहरा जाती हैं कि उसके कुहासे को हटा पाना असंभव सा हो जाता है। ऐसे अवसरों पर सारा सुख-चैन छिन जाता है।
जी यही चाहता है कि कोई ऐसी तरकीब हो जिससे जीवन जीना सामान्य हो जाए। कोई ऐसी दवा हो जिससे जीवन में चैन व सुकून बरकरार हो जाए। पर, अफसोस ऐसी कोई भी दवा नहीं बनी है जिसको खाते ही मनुष्य पुरानी तमाम कड़वी बातें भूल जाए और वह अचानक चहकने लगे।
कोई औषधि न बनी हो पर कुछ तरीके जरूर आजमाकर देखे गए हैं जिससे धीरे-धीरे ही सही बुरी यादों से छुटकारा मिलता जाता है और मन शांत होता जाता है। यदि आप शिक्षित हैं तो यह ऐसे हालात में वरदान के समान है।
अपनी पसंद की कोई किताब पढ़ें। जासूसी, रोमांटिक, ट्रेजडी, हँसी-मजाक वाली किताब पढ़ने से आपका मन अपने विषय से हटकर उस किताब के विषय के बारे में सोचने लगेगा। जो भी कहानी, उपन्यास, कविता चुनें, ऐसी चुनें जिसमें आपका मन रमता जाए। अपने पसंदीदा लेखक को ही पढ़ना शुरू करें।
आपको पता भी नहीं चलेगा और उसका प्लॉट आपके दुख के प्लॉट पर हावी होता जाएगा। उसके चरित्र आपको आकर्षित करेंगे और कुछ नया सोचने के लिए बाध्य करेंगे। आप अपनी सुविधानुसार उसके चरित्रों के नैन-नक्श और हाव-भाव गढ़ने में लग जाएँगे। इसके कारण वर्तमान दुख से आपको छुटकारा मिलेगा।लिखने से भी आपको बेहद आराम मिल सकता है। कहते हैं दुख कई बार आपको लेखक बना देता है। भले ही वह लिखी हुई चीज कहीं न छपे पर जब आप अपने मन की बात कागज पर लिखना शुरू करेंगे तो उसे लिखने की कोशिश में भाषा, विषय, भावना आदि को तारतम्य रूप से रखने की चेष्टा आपको इतना व्यस्त कर देगी कि आप दुख की पीड़ा को एक ओर रख देंगे। यदि आपने कुछ और ही विषय चुना है, अपनी कोई पुरानी घटना, उसे याद करके लिखना और भी अच्छा है।
जैसे-जैसे वह घटना याद आएगी और आप उसे संजोकर लिखते जाएंगे वैसे-वैसे दिमाग वर्तमान विषादमय घटना को खालीकर उस पुरानी घटना को भरता जाएगा। दिमाग को तत्काल पीड़ा से खाली करने का इससे बेहतर उपाय नहीं है।
फिल्में भी परेशान मन को बहुत राहत देती हैं। फिल्म में यह फायदा है कि बिना किसी कष्ट के आप तीन घंटे या कहें कि चार-पांच घंटे तक उससे बंधे रहते हैं। हॉल में फिल्म देखते समय आप कुछ और सोच नहीं सकते हैं। उस फिल्म का फिल्मांकन एवं थीम आपके दिमाग को अपने नियंत्रण में कर लेता है। अपनी पसंदीदा फिल्मों को भी फिर से देख सकते हैं। उसका अहसास अच्छा होता है क्योंकि आप दुख की हालत में भी आनंद लेने का अनुभव महसूस कर सकते हैं। दिमाग और मन को बार-बार एक ही बात की खिचड़ी पकाने से भी निजात मिलती है।
अपनी कोई पुरानी हॉबी जिसे आप वर्षों से भूल गए हों उसे एक बार याद करने और दुहराने की कोशिश करें। पेंटिंग, मिट्टी से कुछ गढ़ना, गाना गाना, नाच सीखना, बाजार घूमना, बच्चों से बातें करना, उनके साथ कुछ गेम खेलना, पहेली हल करना जो कुछ भी आपको अच्छा लगता हो, जिसमें मजा आता हो करना शुरू कर दें। ऐसी रचनात्मकता में पीड़ा कम आनंद ज्यादा है।
यदि आपको पतंग उड़ाने का शौक रहा है तो उड़ाएं। ये सारे कार्य इतने रोचक हैं कि एक बार भी आपने जी कड़ाकर के इन्हें करना शुरू कर दिया तो उसका नशा सा सवार हो जाता है। और यकीन मानें दुख का नशा उतरने लगता है। इससे जीने की चाहत पनपती है और नकारात्मक बातें मन को तोड़ना बंद कर देती हैं।सब बुरे हैं यह सोचने के बजाय जिन लोगों से स्नेह, दोस्ती है उसके लिए उपहार खरीदें। उपहार के लिए समय निकालकर बाजार में घूमें, तरह-तरह की नई चीजों को देखें और प्यार से अपनी जेब के अनुसार तोहफा खरीदें। उस व्यक्ति से अपनी ओर से पहल कर मिलें और तोहफा दें।
अपने खाली स्थान को भरने के लिए दोस्तों, प्यारे रिश्तेदारों का साथ जरूरी होता है। थोड़ा झुकने में कोई बुराई नहीं है। विश्वास करें बहुत संबल मिलेगा।
किसी जरूरतमंद की मदद करें। इससे बहुत सुकून मिलता है। आसपास कोई समाज सेवा चल रही हो तो उसमें भाग लें। नया अनुभव और नए लोग किसी भी जख्म को भरने में बहुत कारगर होते हैं। यह सच है कि हर क्रिया की वैसी ही गति से प्रतिक्रिया भी होती है।
इसीलिए जब भी आप कुछ अच्छा करेंगे, सोचेंगे, आप पर वैसा ही असर होगा। अपने आसपास के माहौल का भी जायजा लेना चाहिए तब आपको पता चलेगा कि आप बहुतों से बेहतर स्थिति में हैं। यह सोच-समझ आपको जीवन का नए सिरे से आगाज का हौसला देगा।

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How to make your Girlfriend happy

अगर आप भी अपनी गर्लफ्रेंड के होंठों पर मुस्कान देखना चाहते हैं तो हम बताते हैं उसके लिए कुछ टिप्स, जिससे आपकी ‘वह’खुश हो जाएंगी और उनकी खुशी से बढ़कर आपको और क्या चाहिए? तो लीजिएपेश है नाजुक से उपाय, उनकी मीठी-सी स्माइल के लिए –
* उनसे कहें कि वह खूबसूरत है कभी भी उन्हें हॉट या सेक्सी न कहें।
* उनका हाथ कुछ सेकंड के लिए जरूर थामें।
* प्यार से उनके सिर को चूमें।
* नींद से जगाने के लिए उनकी ही रिकॉर्ड आवाज को उन्हें सुनाएं।
* उन्हें बराबर यह बात कहते रहें कि आप उन्हें कितना प्यार करते हैं।
* अगर वह परेशान है तो उन्हें गले लगाकर इस बात का एहसास दिलाएं कि वह आपके लिए कितना मायने रखती है।
* उनकी छोटी-छोटी बातों का भी ख्याल रखें, क्योंकि यह प्यार का बहुत जरूरी हिस्सा होता है।
* कभी-कभी उनके पसंदीदा गाने भी उन्हें सुनाएं, चाहे आपकी आवाज कितनी भी खराब क्यों न हो।
* उनके दोस्तों के साथ भी कुछ समय बिताएं।
* उनके नोट्स आप तैयार कर दें।
* अपने परिवार के लोगों और दोस्तों से भी उन्हें मिलाएं, इससे आपके प्रति विश्वास बढ़ेगा।
* उनके बालों को प्यार से सहलाएं, इससे उन्हें सुकून मिलेगा।
FILE* कभी-कभी आप उनके साथ मस्ती भरा खेल भी खेलें, जैसे गुदगुदाना, गोद में उठाना, कुश्ती करना।
* पार्क लेकर घूमने जाएं और अपने दिल की बातें कहें।
* हंसाने के लिए जोक्स सुनाएं।
* आधी रात को एसएमएस कर उन्हें बताएं कि आप उन्हें कितना ‘मिस’ कर रहे हैं।
* सोते वक्त उनके नीचे गिरते हाथों को अपने हाथों में ले लें।
* जब वह आप में पूरी तरह खो जाए तो उसे प्यार से चूमें।
* उन्हें कभी-कभी अपने कंधों पर उठाएं।
* उनके लिए फूलों का तोहफा ले जाएं।
* अपने दोस्तों के बीच भी उनके साथ वैसा ही व्यवहार करें, जैसा आप अकेले में करते हैं।
FILE* उनकी आंखों में देखकर मुस्कराएं।
* आपकी जो तस्वीर उन्हें पसंद हो उन्हें जरूर दें।
* उनके साथ डांस करें, अगर म्यूजिक न हो तो भी।
* बारिश में उन्हें चूमें।
* हमेशा अपने प्यार का इजहार करते रहें।
* उनकी भावनाओं की कद्र करें, चाहे आपको उनकी कोई बात पसंद ना हो लेकिन तुरंत कहने के बजाय बाद में बताएं अपने कहने का अंदाज खुशनुमा रखकर। खासकर कोई काम अगर स्पेशली उसने आपके ही लिए किया है तो चाहे आपको लाख नागवार गुजरे आप तुरंत जाहिर ना होने दें। बाद में हौले सेसमझाना ठीक रहेगा।

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What is love?

प्यार (Love) आज के समय में हर इंसान की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है. लेकिन प्यार (Love) का असली मतलब आज शायद सब भूल चुके हैं. आज प्यार का मतलब होता है पटना और पटाना. आजकल के लड़को और लड़कियों के लिए प्यार (Love) एक हैंडबैग की तरह है जिसे एक साल से ज्यादा चलाने में उन्हें शर्म आती है.
प्यार (Love) सिर्फ किसी को दिन रात मैसेज करना, दिन भर फॉन पर बात करना या मॉल में घूमाना नहीं है और ना ही प्यार… शरीर को मिटाने वाली भूख है जिसे एक रात साथ सोकर बुझाया जा सकता है. आज लड़कियों को लगता है कि उनका प्रेमी उनसे घंटो फोन पर बात करता है तो वह उनसे बहुत प्यार (Love) करता है लेकिन वह यह नहीं समझ पाती कि यह तो बस उन्हें फसाने का एक तरीका होता है. अक्सर लड़कियां लड़को के जाल में फंस कर बर्बाद हो जाती है. लेकिन सारा दोष लड़को का भी नहीं होता.
अगर एक लड़की खुद लड़के के काल में ना फंसना चाहेगी तो आखिर कैसे कोई लड़का उसके प्यार का नाटक कर सकेगा. अक्सर लड़कियां अपनी सहेलियों या किसी अन्य को देखकर प्यार के सम्मोहन में फंस जाती है. उन्हें प्यार एक आकर्षण की वस्तु नजर आने लगती है.
और सिर्फ लड़के ही नहीं अब तो लड़कियां भी लड़कों के साथ प्यार प्यार खेलती हैं. ऐसी लड़कियों के लिए प्यार सिर्फ एक खेल होता है जिसे वह जितना खेलती हैं उन्हें उतना मजा आता है.
पर समझो यार प्यार को खेल का नाम देना बंद करो वरना आज जो खेल खेल रहे हो वह किसी दूसरे के लिए भारी पड़ जाएगा जो खेल नहीं सच्चा प्यार कर रहा होगा.

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ए इश्क…मुझको कुछ और जख्म चाहियें…!!! अब मेरी शायरी में वो बात नहीं रही…

Kya Hota Hai Saccha Pyar Koi Use Bhi Sikhao
Vo Kya Jane Pyar Ki Keematkya Hoti Hai
Jab Nahi Milta Pyar Toaankhe Kitni Roti Hain
Kbhi Na Kbhi To Vo Kisi Se Dillagayegi
Karega Vo Bewafai To Meriwafa Ki Yaad Ayegi
Tab Vo Bedard Mere Dard Kosamajh Payegi
Is Aashiq Ki Chahat Ko Firpana Vo Chahegi
Par Afsos Use Gale Se Mainlaga Na Pauga
Kyuki Jannat Se Vapas Mainlaut Na Pauga .

Tha Main Neend Mein
Or
Mujhe Itna Sajaya Ja Raha Tha,
Bade Hi Pyar Se
Mujhe Nehlaya Ja Raha Tha,
Najane Tha Wo Konsa Ajab Khail
Mere Ghar Mein,
Bac’chon Ki Tahra’n
Mujhe Kandhe Pe Uthaya Ja Raha Tha,
Tha Paas Mere Mera Har Apna Us Waqt,
Phir Bhi Main Har Kisi K Mu Se Bulaya Ja Raha Tha,
Jo Kabhi Dekhte Bhi Na Thy,
Muhabbat Ki Nigha Se,
Un K Dil Se Bhi Pyar Mujh Pe Lutaya Ja Raha Tha,
Maloom Nahi Heran Tha Har Koi
Mujhe Sota Hua Dekh Kar,
Zor Zor Se Ro Kar Mujhe Hansaya Ja Raha Tha,
Kaanp Utthi Meri Rooh,
Mera Wo Makaa’n Dekh Kar,
Pata Chala Mujhe DAFNAYA Ja Raha Tha,
Ro Pada Phir Main Bhi Apna Wo Manzar
Dekh Kar
Jahan Mujhe Hamesha K Liye Sulaya Ja Raha Tha.

HEART TOUCHING STORY.
Ek Larki Janaza Dekh Kar.,
{Muskurany Lagi}
To.
Ek Buzurg Ne Kaha
Beti Jawan Mout Par Nahi Muskurate..??
Larki Ansu Ponch Kar Boli
Baba.
KYA KARU WADA KIYA THA
JAB BHI MILENGAY MUSKURA KAR MILENGAY.

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About Me/ Roshan Raj

Roshan Raj

Roshan Raj

About me:-

Roshan Raj
(CEO & Founder of Roshan Group)
Education:-
Primary education (Delhi Public School Bhagalpur)
Secondary education ( Bright Career School Purnea)
Hometown-
Murliganj
Profession-
Computer Programming
Security Consultant
Basic information
Birthday- 15th nov 1996
Religion- Hindu
Contact information
Mobile- 9546596056
8678810149
Address- Murliganj, Madhepura, Bihar-852122
Facebook profile- http://www.facebook.com/smritybaby
Instagram- myloveamisha
BBM- 28598abb
Website- http://www.roshangroup.net
http://www.roshangroup.wordpress.com
http://www.grouproshan.blogspot.com
Email- razzrockstar@gmail.com
Info.roshangroup@gmail.com
ishakjademonty@gmail.com
Relationship- Married with Amisha Yadav @ Gopi Yadav

Love poem

पता न चला, मै कहाँ खो गया
उसके जुल्फों के नीचे,
सहर हो गया एक मुस्कान जो,
उसने मेरे नाम की तो पूरे शहर मे,
कहर हो गया अब तो दबे पाँव,
मिलने लगी तो सारा जमाना,
लहर हो गया पूरी दुनिया जली,
उसने उल्फत जो की तो मै उसके लिए,
हमसफ़र हो गया इतने जख्मों को देखा,
खुदा भी रोया तो राधा का गोबिंद, गिरिधर हो गया

याद जब भी उसकी आती है रातों की नींद उड़ ही जाती हैं
मेरे दिल का हाल ना पूछो प्यारे आशिकी ऐसे ही होती है
तेरे खोने का गम है मुझको तेरी यादें बहुत सताती हैं
याद जब भी उसकी आती है तूने धोखा दिया
वह बेवफा तेरी यादें मुझे रुलाती हैं तेरे इश्क में पागल था
मैं तेरी यादें मुझे तड़पाती हैं याद जब भी उसकी याद आती है
तू तो कहती थी की उम्र भर में साथ हूं फिर यह कैसी जुदाई है
धोखा दिया तूने हमको क्या यही आशिकी कहलाती है
याद जब भी उसकी याद आती है रातों की नींद उड़ ही जाती ।

धीरे धीरे पढिये पसंद आएगा…

👌मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योंकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का…..

👌कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, गरीब वो था की मैं….

👌जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..

👌बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी…

👌खोए हुए हम खुद हैं, और ढूंढते भगवान को हैं…

👌अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये….

👌जिन्दगी तेरी भी अजब परिभाषा है.. सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है…

👌खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है…

👌ज़िंदगी भी वीडियो गेम सी हो गयी है एक लेवल क्रॉस करो तो अगला लेवल और मुश्किल आ जाता हैं…..

👌इतनी चाहत तो लाखों रुपये पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है…….

👌हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो, क्योंकि इन्सान पहाड़ो से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है..

*मनुष्य का अपना क्या है ?*
*जन्म :-* दुसरो ने दिया
*नाम :-* दुसरो ने रखा
*शिक्षा :-* दुसरो ने दी
*रोजगार :-* दुसरो ने दिया और
*शमशान :-* दुसरे ले जाएंगे
तो व्यर्थ में घमंड किस बात पर करते है लोग 👏